नज़रो मे तेरे कई नज़ारे होंगे
शहराओं मे तेरे कई सहारे होंगे
मगर कोई खास ही होगा जो रहता होगा तेरे दिल मे
जो बचे वो बेचारे बेसहारे होंगे !!
कितने लंगर डाले, कितने पतवार लिए
तेरे दिल के रास्ते चले होंगे
कुछ डूबकर बच गए होंगे
कई बचकर डूब गए होंगे !!!
सभी की कस्तीयाँ डूब गयी होंगी {तेरी आँखों के दरिया मे }
कोई शायद ही बच गया होगा
जो डूबे उसे तू भूल गयी होंगी
जो बचा वो तेरे दिल मे बस गया होगा
जो तेरे बदन ने ये काला सूट पहना है
और जो तेरा ये रूप सादा है
मै तेरी और तुम बस मेरे हो
ये किया तूने किस किस से वादा है !!!
कितने घर से निकले
कितने घर लौट गए होंगे
कितनो को तेरे जुल्फों की छाँव मिली होंगी
ना जाने कितने तेरे हुस्न के धुप मे जल गए होंगे !!!
सब से मुस्कुराकर बात की तुमने
ज़ब सिर्फ उसे ही तूने छत पर आने का इशारा की होंगी
खुश हुआ हो