#नवोदय_का_आखिरी_दिन.....
आज एकेडमिक ब्लॉक की सीढ़ियों पर बैठा हूँ.... पॉच साल आँखों के सामने घूम रहे थे..... पता नही आँसुओ का बोझ ये दोनों आँखे कैसे सम्हाल रही थी.....
कल मै कँही और रहूँगा..... स्टेटस ex-student का हो जायेगा...... चलो अच्छा होगा, सुबह PT के लिए उठना नही पड़ेगा....... इस टंकी पर नहाना नही होगा..... अरे..हाँ.... ये सफ़ेद शर्ट और ब्लू कलर की पैंट से छुटकारा तो मिला...शर्ट तो बहुत गन्दी होती थी यार.... धो-धोकर हाथ घिस जाते थे.....राइस, मटर छोला और बिस्कुट-दूध भी खाना नही पड़ेगा........ बिना मतलब की पढ़ाई की नौटंकी नही करनी पड़ेगी...क्योंकि अब दिखाना किसको है...
#वो तो रहेगी नही अब...... ये रोज प्रार्थना का लफड़ा ख़त्म आज से...... अब किसी की डाँट भी नही सुननी पड़ेगी..... यहाँ के टीचर भी पागल ही है... कितना ख्याल रखते है जैसे की हम उनके बेटे है...... क्या जरुरत है इन सब की.......