हे नारी!!
तुम ईश्वर की सर्व श्रेष्ठ रचना हो!!
नर से निकली गई हो तुम तो नारी कहलती हो तुम!!!
कभी बहन तो कभी बेटी,
कभी मां तो कभी पत्नी,
कभी दोस्त तो कभी शिक्षक….
हर रूप में अपने आपको ढाल कर हर रिश्ते को निभाते हो तुम...
हर समय अपने आप को भूल कर दुसरोको समलथी हो तुम...
संकट समय आने पर, खुद एक ढाल बनकर संकटों का सामना करती हो,
अपने परिवार की ढाल हो तुम..
पिता का गुरु हो तुम...
भाई की रक्षा की गाठ हो तुम...
हे नारी!!!
तुम ईश्वर की सर्व श्रेष्ठ रचना हो!!
नर से निकली गई हूं तुम तो नारी कहलती हो तुम!!
irshad khan
more than 3 years agobilkul sahi hai