We use cookies to analyze our website traffic. By continuing to use the site, you agree to our Terms and Policies

  • पैगाम लिया है कभी पैगाम दिया है,
    आँखों ने मोहब्बत में बड़ा काम किया है।
    जाती है इस झील की गहराई कहाँ तक,
    आँखों में तेरी डूब के देखेंगे किसी रोज।
    अदा से देख लो जाता रहे गिला दिल का,
    बस इक निगाह पे ठहरा है फ़ैसला दिल का।
    बस इक लतीफ़ तबस्सुम बस इक हसीन नजर,
    मरीजे-ग़म की हालत सुधर तो सकती है।
    सौ तीर जमाने के इक तीरे नजर तेरा,
    अब क्या कोई समझेगा दिल किसका निशाना है?
    मेरे होठों ने हर बात छुपा कर रखी थी,
    आँखों को ये हुनर कभी आया ही नहीं।
    💗💗💗💗
    Comments: 0 Reposts: 0

    Leave a comment can only registered users.